मुंबई में लगातार भारी बारिश, सड़कें डूबीं, स्कूल-कॉलेज बंद: 250 से ज्यादा फ्लाइट्स लेट; हिमाचल के कुल्लू में बादल फटने से दुकानें बहीं

23 मिनट पहले

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हिमाचल: शिमला में लैंडस्लाइड, 30 परिवारों पर मुसीबत आई

हिमाचल प्रदेश के शिमला के बेनमोर इलाके में सोमवार देर रात तेज बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुई। इस घटना के कारण 30 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित निकालना पड़ा और इलाके में दहशत फैल गई।

भूस्खलन के कारण राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में बिजली-पानी की आपूर्ति और सड़क संपर्क बाधित हो गया। यह घटना जाखू की ओर जाने वाली सड़क पर हुई, जिससे रास्ता बंद हो गया और लोग फंसे रह गए।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले दो हफ्तों से सड़क पर दरारें नजर आ रही थीं, लेकिन सोमवार रात करीब 10.30 बजे अचानक बड़ा भूस्खलन हुआ और आधी रात तक मिट्टी और पेड़ गिरते रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, जिनका निवास प्रभावित क्षेत्र रामचंद्र चौक में है, ने मंगलवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया और सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “राज्य में हर दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। मंडी जिले के बाद अब शिमला, कुल्लू और चंबा भी आपदा झेल रहे हैं। यहां पिछले साल 70 लाख रुपये की लागत से बनाई गई दीवार एक साल भी नहीं टिक पाई। सड़क पूरी तरह बंद है, एंबुलेंस भी नहीं निकल सकती। लोग घर खाली कर चुके हैं और ऊपर-नीचे के सभी घर खतरे में हैं।”

एक स्थानीय निवासी कमल कृष्ण शर्मा ने बताया, “करीब 15-20 दिन पहले जाखू रोड पर दरारें पड़नी शुरू हो गई थीं। किसी ने ध्यान नहीं दिया और ये लगातार बढ़ती गईं। कल शाम जब दफ्तर से लौटा तो दरारें बहुत चौड़ी हो चुकी थीं। तीन परिवार सबसे ज्यादा खतरे में थे, इसलिए रात 9.30 बजे तक घर खाली कर दिया। रात 10 बजे से भूस्खलन शुरू हुआ और 11:30 बजे तक मिट्टी और पेड़ गिरते रहे। अभी भी प्रशासन खतरनाक पेड़ काट रहा है। जब तक मजबूत रिटेनिंग वॉल नहीं बनेगी, यह इलाका सुरक्षित नहीं होगा। हमें एक-दो महीने तक कहीं और रहना पड़ सकता है। यहां लगभग 30 परिवार खतरे में हैं।”

शर्मा ने यह भी बताया कि कई परिवारों ने अस्थायी आश्रय की मांग की है क्योंकि लगातार बारिश से मिट्टी खिसक रही है और कमजोर हो चुकी रिटेनिंग वॉल घरों को खतरे में डाल रही है।

अधिकारियों ने बताया कि सड़क को साफ करने और क्षेत्र को सुरक्षित बनाने का काम जारी है, लेकिन लगातार बारिश और अस्थिर ढलानों के चलते खतरा अभी भी बना हुआ है। इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में भी उठाया गया है।

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Gaurav Thakur
Author: Gaurav Thakur

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